Kavi Dhanpal (Dwitiya)
कवि धनपाल (द्वितीय)
कवि धनपाल गुर्जर देश के रहने वाले थे। इनके पिता का नाम सुहड देव और माता का नाम सुहडा देवी था। यह पुरवाड़ जाति में उत्पन्न हुए थे। जिस समय कवि हुए उस समय राजा बीसलदेव का शासन चल रहा था। कवि की पत्नी का नाम उभयश्री था। वह अत्यंत धर्मी एवं पतिव्रता थी और चतुर्विध संघ को दान दिया करती थी। कवि का समय 14 वीं शताब्दी माना गया है। कवि धनपाल मुनि प्रभाचंद्र के शिष्य थे और उनकी ही प्रेरणा से ग्रंथ रचना की थी। कवि के द्वारा रचित बाहुबली चरिउ प्राप्त है, इसका दूसरा नाम काम चरिउ है। यह ग्रंथ 18 संधियों में विभक्त है। इसमें प्रथम कामदेव भगवान बाहुबली की कथा वर्णित है। यह ग्रंथ काव्य एवं मानवीय भावनाओं से ओतप्रोत है।